लम्हें जिंदगी के, कुछ खट्टे कुछ मीठे, ज़हन में बस जाते हैं! लम्हें जिंदगी के, कुछ खट्टे कुछ मीठे, ज़हन में बस जाते हैं!
वक्त का सितम कुछ इस कदर है ना जाने वो किधर हम किधर हैं ! वक्त का सितम कुछ इस कदर है ना जाने वो किधर हम किधर हैं !
शांत हूँ मैं, अनभिज्ञ नहीं, पलट कर जवाब देना मेरे संस्कार नहीं! शांत हूँ मैं, अनभिज्ञ नहीं, पलट कर जवाब देना मेरे संस्कार नहीं!
वक़्त गुज़रता गया और हमारे बीच दूरियाँ भी बढ़ती गईं! वक़्त गुज़रता गया और हमारे बीच दूरियाँ भी बढ़ती गईं!
रास्ता जैसे भूलने लगी थी आँखें पड़ गई जैसे धुँधली। रास्ता जैसे भूलने लगी थी आँखें पड़ गई जैसे धुँधली।
सबके लिए आदत सी हो गई,लफ्ज़ आँसू बनकर बह गए। सबके लिए आदत सी हो गई,लफ्ज़ आँसू बनकर बह गए।